हरियाणा में 1500 करोड़ के वर्क स्लिप घोटाले का आरोप, मंत्री अनिल विज ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल

Photo Source :

Posted On:Tuesday, December 30, 2025

हरियाणा सरकार में अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आने लगी है। प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चित अनिल विज एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए श्रम विभाग में कथित 1500 करोड़ रुपये के वर्क स्लिप (कार्य रसीद) घोटाले की किसी स्वतंत्र और प्रतिष्ठित जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। विज ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर पूरे मामले की गहन जांच की मांग की है, जिससे सियासी हलकों में हलचल मच गई है।

यह मामला श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित हरियाणा भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से जुड़ा हुआ है। बोर्ड में लंबे समय से वर्क स्लिप से संबंधित गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही थीं। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि यह घोटाला करीब 1500 करोड़ रुपये तक का हो सकता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए श्रम मंत्री अनिल विज ने साफ कहा है कि इसकी निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

अनिल विज ने बताया कि हाल ही में उन्होंने बोर्ड की एक बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति में अनियमितताओं के साथ-साथ निर्माण श्रमिकों को दी जाने वाली विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ वितरण में भी गंभीर गड़बड़ियां सामने आईं। इन खुलासों के बाद उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दिए। विज के अनुसार, जांच में यह सामने आया कि कई जगहों पर पूरे-पूरे गांवों के फर्जी पंजीकरण कर वर्क स्लिपें बनाई गईं, ताकि अपात्र लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।

श्रम मंत्री ने बताया कि एक पंजीकृत श्रमिक को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से औसतन करीब 2.5 लाख रुपये तक का लाभ मिलता है। ऐसे में यदि बड़ी संख्या में फर्जी पंजीकरण हुए हैं, तो इससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान होने की संभावना है। प्रारंभिक जांच के तहत हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी जिलों में सत्यापन कराया गया, जहां बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं।

इसके बाद राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश जारी कर जिला स्तरीय समितियों का गठन किया। इन समितियों में श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ तीन अन्य अधिकारी भी शामिल किए गए। इन समितियों द्वारा अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच जारी की गई ऑनलाइन वर्क स्लिपों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। यह प्रक्रिया करीब चार माह पहले शुरू हुई थी, जिसमें अब तक 13 जिलों में 100 प्रतिशत सत्यापन पूरा किया जा चुका है।

अनिल विज ने बताया कि हरियाणा में भवन निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चलाती है। इनमें मातृत्व लाभ के रूप में 36 हजार रुपये, पितृत्व लाभ 21 हजार रुपये, बच्चों की शिक्षा के लिए पहली कक्षा से उच्च शिक्षा तक सालाना 8 हजार से 20 हजार रुपये की सहायता, और 10वीं-12वीं में 60 से 90 प्रतिशत अंक लाने वाले मेधावी बच्चों को 21 हजार से 51 हजार रुपये तक की छात्रवृत्ति शामिल है। इन योजनाओं का उद्देश्य जरूरतमंद श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है, लेकिन फर्जीवाड़े ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

श्रम मंत्री के अनुसार, जिन 13 जिलों में सत्यापन पूरा हुआ है, उनमें करनाल, रेवाड़ी, नूंह (मेवात), महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, पंचकूला, सिरसा और कैथल शामिल हैं। इन जिलों में कुल 5,99,758 वर्क स्लिपें जारी की गई थीं, जिनमें से केवल 53,249 वर्क स्लिपें ही वैध पाई गईं, जबकि 5,46,509 वर्क स्लिपें अवैध निकलीं। इसी तरह 2,21,517 श्रमिक पंजीकरणों में से सत्यापन के बाद सिर्फ 14,240 श्रमिक ही पात्र पाए गए, जबकि 1,93,756 पंजीकरण फर्जी पाए गए।

इस पूरे मामले ने हरियाणा सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री स्तर पर इस मांग पर क्या फैसला लिया जाता है और क्या वाकई इस कथित घोटाले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाती है या नहीं।


नागपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. nagpurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.